माँ रेवा न्यास , खरगोन

डॉ पूर्णाशंकर भालके की कल्पना और संकल्प 

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे 
नार्मदीय ब्राह्मण समाज का एक उपक्रम 
कार्यालय - विराज हास्पिटल डायवर्शन रोड खरगोन ४५१००१ 

किसी भी समाज के अस्तित्व एवं उसके चिरस्थायी के लिए सुव्यवस्थित एवं सुद्रढ़ संगठन आवश्यक है | समाज की उन्नति एवं उसके सामाजिक शैक्षणिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक मजबूत स्तभों पर निर्भर है |इन्ही स्तभों को उद्देश्य बनाकर एक अटूट संकल्प के साथ वर्ष प्रतिपदा संवत २०६२, ९ अप्रेल २००५ को माँ रेवा न्यास का गठन पश्चिम निमाड़ खरगोन में किया गया |समाज को सकारात्मक सोच एवं परस्पर जुड़ने की प्रक्रिया द्वारा संगठित कर सुद्रढ़ मंच स्थापित किया गया |bस पावन उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाकर समय बध तरीके से पूर्ण करने का संकल्प लिया गया | मांगलिक धार्मिक एवं सामाजिक कार्यो के लिए समाज को एक विशाल मंच -परिसर की आवश्यकता की पूर्ति हेतु खरगोन में ओल्ड हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के समीप जैतपुरा सनावद रोड पर २ एकड़ जमीं क्रय कर बसंत पंचमी दिनांक ३ फरवरी २००६ को रजिस्ट्री करवाकर स्वामित्व का अधिकार प्राप्त किया | अगले दिन दिनांक ४ फरवरी२००६ को सम्पूर्ण समाज ने इसी २ एकड़ भूमि पर अखिल भारतीय नार्मदीय ब्राह्मण महासभा के तत्कालीन अध्यक्ष श्री पी. सी शर्मा साहब , गुरु गादियो के पूज्य गुरुवर तथा अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में नर्मदा जयंती हर्षौल्लास से मनाई | इसी अवसर पर ७० बटुकों का यज्ञोपवित ,४ जोडो का विवाह संस्कार एवं ४००० समाज बंधुओ का ब्रम्ह्भोज निशुल्क आयोजित किया गया | 

उक्त २ एकड़ भूमि का व्यावसायिक (मांगलिक भवन )प्रयोजन हेतु भूमि परिवर्तन बाबद उपसंचालक नगर एवं ग्राम निवेश खंडवा द्वारा स्वीकृति ली गई |तत्पश्चात सम्पूर्ण परिसर में सुव्यवस्थित निर्माण की कार्य योजना समाज के विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई | इसके अंतर्गत -; 

मुख्य भवन निर्माण 
मंदिर समूह निर्माण 
लान एवं पार्किंग की व्यवस्था 
मुख्य भवन निर्माण 

दिनांक १० फरवरी २००८ बसंत पंचमी को भवन निर्माण का शुभारम्भ किया गया १३५ फिट * १३५ फिट क्षेत्र में मांगलिक भवन का निर्माण चल रहा है |मुख्य भवन में बेसमेंट एवं उसके उपर 

तीन मंजिले बनेगी इस मुख्य भवन में १०५ फिट बाय ५० फिट के तीन हाल , ८० फिट *१६ फिट के तीन डायनिंग हाल कम किचन ,१२ फिट *२५ फिट के ८ छोटे हॉल ;११ फिट *१४ फिट के ३० कमरे इत्यादी के निर्माण की योजना है |अब तक बेसमेंट की छत डल चुकी है एवं उपरी मंजिल का कार्य प्रगति पर है | 

मंदिर समूह निर्माण 

मंदिर समूह निर्माण के अंतर्गत बेसमेंट में कुल देवी पूजन के लिए हाल जिसमे समाज की सभी कुलदेवियो की सुस्थापना ,पूजर्थियो के स्नान एवं नैवेध्य बनाने की वयवस्था आदि रहेगी | इस हाल के उपर विशाल मंदिर का निर्माण ,जिसमे माँ नर्मदा एवं अन्य देवी देवताओ की सुव्यवस्था की जावेगी | मंदिर के सामने भी ६५ फिट* १०० फिट का लान की वयवस्था रहेगी | 

लान एवं पार्किंग की वयवस्था-: 

मुख्य भवन के सामने विशाल लान एवं मुख्य द्वार के समीप वाहनों के पार्किंग की समुचित वयवस्था रहेगी |परिसर सुरक्षा हेतु बाउंड्री वाल का निर्माण किया जावेगा | इस पुरे परिसर को व्यावसायिक द्रष्टिकोण से विकसित किया जा रहा है | भविष्य में इससे होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा समाज के निर्धन छात्रो एवं जरुरतमंदो कीमदद में सद उपयोग होगा | 

नार्मदीय समाज के विविध सांस्कृतिक , धार्मिक शैक्षणिक एवं सामूहिक आयोजनों के लिए परिसर सदैव उपलब्ध रहेगा | 

योजनाए बिना आर्थिक पोषण के पूर्ण नहीं होती है ,कार्य योजना का आर्थिक आकलन समाज के विशैशाग्य द्वारा किया गया है| निर्माण कार्य केवल नार्मदीय ब्राम्हण समाज 

के द्वारा दिए गये दान - सहयोग से संपादित किया जा रहा है | वैसे तो जितनी भी राशी दान में दी जाए ग्राहय है परन्तु एक अनोखी योजना न्यास द्वारा रखी गई जिससे हम अपने प्रियजन एवं स्वयं की स्मृति चिरस्थाई कर सकते | इसके तहत रूपये ५१००० / दान देने वाले दानदाता एवं जिनकी स्मृति में दान दिया जा रहा है उसके नाम का शिलालेख भवन में तीन अलग-अलग स्थानों पर लगाया जावेगा | जिनकी स्म्रति में दान दिया गया है उनका छाया चित्र भी मुख्य हाल में लगाया जावेगा |इस अनोखी योजना में अभी तक ४६ दानवीर दानदाताओ ने योगदान दिया है | इस योजना के अतिरिक्त भी दानदाताओ द्वारा दान राशी अनवरत प्रदान की जारही है | 

अतः आप से अनुरोध है की नार्मदीय ब्राह्मण समाज के इस महायज्ञ में दान रूपी आहुति प्रदान करे | दान दिलवाने में सहयोग प्रदान कर समाज की अभूतपूर्व धरोहर में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की कृपा करे | 

इतने कम समय में इन उचाईयो तक पहुचना हमारी एकता विश्वास और बढने की मीमांसा को दर्शाता है , किन्तु लक्ष्य दूर है| लक्ष्य प्राप्त करने हेतु आपकी प्राणवान उर्जा के अनंत स्त्रोत का आशीर्वाद अपेक्षित है | समाज के इस शिखर प्रयास में शामिल होकर इतिहास रचने में आप भी साक्षी एवं सहभागी बने| हमे अन्य समाज के समकक्ष अपना बौधिक ,सामाजिक एवं आर्थिक महत्व पुनः स्थापित करना है |आइये इस साधू प्रयास में तन- मन -धन से सम्मलित होने का संकल्प ले ,क्योकि पर्वत सा लक्ष्य संकल्प के कदमो द्वारा ही नापा जासकता है | अतः इस पुनीत धरा को गतिमान बनाये रखने के लिये आइये इस महँ यज्ञ में आहुति डाले ,परस्पर सहयोग की भावना से शामिल होकर इतिहास रचे | अस्तु | 

निवेदक 

(पी. सी.भालके ) 
अध्यक्ष सह प्रबंध न्यासी 
माँ रेवा न्यास 
विराज हास्पिटल खरगोन ४५००१ 
marewanyas@gmail.com
फो. ०७२८२ २३१५५०, ९४२५० ८७३४९

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यह एक बेहतरीन मैरिज गार्डन भी है | 

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