मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में, रविवार दिनांक 29 अप्रैल 2018 की पावन सन्ध्या पर एक गौरवमयी इतिहास रच दिया गया। इसे मूर्त रूप देने में करुणाधाम आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर पूज्य गुरुदेव श्री सुदेश शाण्डिल्य जी महाराज, श्री उमाशंकर जी गुप्ता, मंत्री, मध्य प्रदेश शासन राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा भोपाल के महापौर श्री आलोक शर्मा के सद्भाविक सहयोग, समन्वय और सौजन्य से, समूचे नार्मदीय ब्राह्मण समाज को अनंतकाल तक गौरवान्वित करने वाले ऐतिहासिक महत्व के तीन कार्यक्रम एक साथ सम्पन्न हुए।
1. भदभदा चौराहे पर करुणाधाम आश्रम के संस्थापक बड़े गुरुदेव पूज्य बालगोविन्द जी शाण्डिल्य जी की गनमेटल की 7 क्विंटल वजनी प्रतिमा का अनावरण।
2. प्रतिमा स्थापना स्थल के पूर्व नामित भदभदा चौराहे का नाम परिवर्तित कर नये नाम 'बालगोविन्द जी शाण्डिल्य चौराहा' का लोकार्पण।
3. 'करुणा धाम मार्ग' का लोकार्पण।
विशाल पण्डाल और मंच से सुसज्जित स्थल पर आयोजित इस समारोह का विस्तृत विवरण इस प्रकार है :
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वश्री करुणाधाम आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर पूज्य गुरुदेव सुदेश शाण्डिल्य जी महाराज, श्री उमाशंकर जी गुप्ता, माननीय मंत्री, मध्य प्रदेश शासन, राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, श्री आलोक शर्मा जी, महापौर, भोपाल, श्री पी. सी. शर्मा, भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष तथा श्री रामदयाल प्रजापति जी, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश माटीकला बोर्ड के मंच पर विराजमान होते ही गुरूवंदना और स्वस्तिवाचन किया गया। इसके पश्चात पूज्य गुरुदेव को माल्यार्पण करने के साथ ही मंच पर विराजित माननीय मंत्री जी, महापौर जी, पी. सी. शर्मा जी तथा प्रजापति जी का पुष्पहार से स्वागत किया गया।
स्वागत की बेला के पश्चात वो अविस्मरणीय क्षण आया जब पाँचों सम्माननीय अतिथियों द्वारा मंच से ही रिमोट के माध्यम से पूज्य बड़े गुरुदेव जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया। मूर्ति अनावरण के उक्त ऐतिहासिक एवं गौरवमयी पवित्र अनुष्ठान के समय भारी संख्या में उपस्थित सभी देवियों और सज्जनों ने खड़े होकर करतल ध्वनि के साथ अभिनंदन और आदरपूर्वक अभिवादन के साथ प्रतिमा को आत्मीय प्रणाम किया एवं 'जय गुरुदेव' का गगनभेदी उद्घोष किया। उन आनंददायी पलों को शब्दों में अभिव्यक्त कर पाना कठिन है।
समारोह के प्रथम वक्ता भोपाल के महापौर श्री आलोक शर्मा जी ने पूज्य बड़े गुरुदेव को बारम्बार प्रणाम, नमन और वंदन करते हुए उपस्थित सभी श्रोताओं को 'प्रतिमा अनावरण', 'श्री बालगोविन्द शाण्डिल्य चौराहा' नामकरण तथा 'करुणाधाम मार्ग' के लोकार्पण के लिये उपस्थित दर्शकों को बधाई और अभिनंदन करते हुए सूचित किया कि इस पुण्य कर्म में भूमिका निभाने का सुअवसर प्राप्त होने की वजह से आप सभी के साथ मैं भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। उन्होंने पूज्य बड़े गुरुदेव जी के द्वारा मानवता और विश्व कल्याण के हित में सम्पन्न सत्कर्मों का स्मरण किया और बताया कि उनसे प्राप्त आशीर्वाद व आज्ञा से आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर पूज्य गुरुदेव श्री सुदेश जी महाराज के द्वारा जनकल्याण की दिशा में संचालित विभिन्न सेवा कार्यों जैसे : अन्न क्षेत्र, गौशाला, शिक्षण संस्थान एवं चिकित्सा सुविधा प्रकल्पों के कारण करुणाधाम आश्रम की ख्याति न केवल भोपाल, प्रदेश अपितु पूरे भारत में फैल चुकी है तथा भविष्य में और भी नये आयाम इस आश्रम को विश्वविख्यात बनाने में समर्थ होंगे ऐसा मेरा विश्वास है। ओजस्वी भाषण के लिये विख्यात महापौर जी ने प्रतिमा की तरफ उन्मुख होकर बड़े गुरुदेव जी को नमन करते हुए विशेष रूप से प्रार्थना की कि, गुरुदेव मुझे आशीर्वाद दीजिये कि भोपाल का यह बेटा इस प्रतिमा स्थल एवं इसके पास स्थित बड़े तालाब से समस्त अतिक्रमण को हटाकर इस क्षेत्र को एक भव्य पर्यटन स्थल का रूप देने में कामयाब हो सके। पूज्य गुरुदेव जी के सम्मान में महापौर जी ने यह बताया कि भोपाल नगर निगम की ओर से प्रतिमा पर प्रतिदिन माला चढ़ाई जावेगी मैं इसका वचन देता हूँ।
द्वितीय वक्ता माननीय मंत्री उमाशंकर गुप्ता जी ने सूचित किया कि पूर्व में बड़े गुरुदेव जी की प्रतिमा, करुणाधाम आश्रम में ही स्थापित करने का विचार था किन्तु मैंने वर्तमान पीठाधीश्वर पूज्य गुरुदेव जी से आग्रह किया कि प्रतिमा आश्रम के बाहर किसी ऐसे स्थान पर स्थापित की जाय ताकि दूसरे अनेक लोगों को भी इसका दर्शन लाभ प्राप्त हो सके। पूज्य गुरुदेव जी ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया और उसी के फलस्वरूप आज हम यहाँ एकत्रित हुए हैं। पूज्य बड़े गुरुदेव जी की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने अवगत कराया कि गुरुदेव जी ने जीवनपर्यंत केवल जनकल्याण हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते हुए अपने जीवन को जीया है। उनका प्रयास यह रहता था कि उनके द्वारा की गई तपस्या का पुण्य फल केवल स्वयं अथवा उनके परिवार को नहीं बल्कि समूचे समाज को मिल सके। पूज्य छोटे गुरुदेव, ब्रमहलीन बड़े गुरुदेव जी के संकल्पों को विभिन्न व नित नये प्रकल्पों के माध्यम से पूरा करने में पूर्ण रूप से तत्पर रहते हैं। प्रतिमा के निर्माण का पूरा व्यय करुणाधाम आश्रम ने वहन किया है और इसे स्थापित करने का खर्च नगर निगम, भोपाल के द्वारा किया गया है। माननीय मंत्री जी ने सूचित किया कि मैं बड़ा सौभाग्यशाली हूँ कि पवित्र तीर्थ स्थल करुणाधाम आश्रम मेरे चुनाव क्षेत्र में स्थित है और इस कारण अनेक बार मुझे यहाँ आने और सेवा देने का अवसर मिलता रहता है। उन्होंने सभी श्रोताओं से आग्रह किया कि जब भी मौका मिले आश्रम में पधारें आपको वहाँ जाकर असीम शान्ति एवं सुख की अनुभूति प्राप्त होगी।
तृतीय व अंतिम वक्ता के रूप में करुणाधाम आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर पूज्य गुरुदेव श्री सुदेश शाण्डिल्य जी महाराज ने अपने संक्षिप्त किन्तु प्रेरक उद्बोधन में बताया कि हमारे शास्त्रों के अनुसरण में हमें मातृ देवो भव, पितृ देवो भव की तर्ज पर माता-पिता की सेवा तथा उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए। ईश्वरीय विधान और प्रोटोकाल के अनुसार पहला स्थान माता का, दूसरा पिता का, तीसरा गुरु का जो हमें ईश्वर का परिचय देकर उनसे हमारी भेंट करा देते हैं और अंतिम व चौथे स्थान ईश्वर का रहता है। अपने पिताश्री व पूज्य बड़े गुरुदेव जी के संस्मरणों को स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि पिताजी के मन में उनके शत्रु के प्रति भी द्वेष की भावना नहीं रहती थी। उनकी सबसे बड़ी शिक्षा यही थी कि जहाँ द्वेष रहता है वहाँ ईश्वर नहीं और जहाँ ईश्वर रहते हैं वहाँ द्वेष टिक नहीं सकता। गुरुदेव जी ने घोषणा की कि प्रत्येक गुरूवार को सन्ध्या के समय इस प्रतिमा स्थल पर हम सभी पुष्पांजलि के लिये एकत्रित होंगे।
गुरुदेव जी के आशीर्वचन के पश्चात 'करुणाधाम मार्ग' के शिलापट का अनावरण तथा पूज्य गुरुदेव जी सहित सभी मुख्य अतिथिगणों और उपस्थित देवियों और सज्जनों की ओर से पूज्य बड़े गुरुदेव जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि समर्पित की गई।
तत्पश्चात सभी मुख्य अतिथिगण मंच पर पुनः आसीन हुए। इस आयोजन में बड़े गुरुदेव जी की प्रतिमा के शिल्पकार श्री रवि भारद्वाज जयपुर से विशेष रूप से पधारे थे। श्री रवि भारद्वाज जी को मंच पर आमंत्रित करके उपस्थित दर्शकों से उनका परिचय कराया गया। शिल्पकार श्री भारद्वाज जी ने पूज्य छोटे गुरुदेव जी को, पूज्य बड़े गुरुदेव एवं माताश्री की गनमेटल की एक प्रतिमा भेंट की। तदुपरान्त करुणाधाम आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर पूज्य गुरुदेव जी ने शिल्पकार श्री भारद्वाज जी तथा आज के समारोह के सभी मुख्य अतिथियों को आश्रम की तरफ से प्रतीक चिन्ह भेंट किये।
अंत में भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष आदरणीय पी. सी. शर्मा जी ने पूज्य गुरुदेव जी को नमन करते हुए आज के इस विशाल और भव्य आयोजन में पधारे विशिष्ट अतिथियों, देवियों और सज्जनों को बधाई, शुभकामनाएँ और आभार प्रकट किया। इसी के साथ समारोह का समापन हुआ।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि उपरोक्त ऐतिहासिक महत्व के इस कार्यक्रम की महती सफलता के पीछे नर्मदा सेवा समाज, भोपाल के अध्यक्ष आदरणीय श्री सुशील बिल्लौरे जी के अथक परिश्रम, समर्पित सेवा भाव एवं उत्कृष्ट योगदान को सदैव स्मरण किया जाता रहेगा क्योंकि उनके दखल के बिना ऐसे विराट आयोजन का सफल हो पाना लगभग असम्भव था।
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